देश की खाद्य सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाना सरकार का मुख्य लक्ष्य : शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि और किसान कल्याण विभाग का मुख्य उद्देश्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना और पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध कराना है। इसके लिए विभाग छह प्रमुख आयामों पर काम कर रहा है- उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, किसानों को उचित दाम दिलाना, नुकसान की भरपाई करना, कृषि का विविधीकरण बढ़ाना और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करना।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वर्ष 2014 से अब तक भारत में खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गेहूं, चावल, मक्का और सोयाबीन के उत्पादन में रिकॉर्ड हासिल किए गए हैं और देश इन फसलों में आत्मनिर्भर बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कृषि निर्यात भी किया है।
उन्होंने कहा कि भारत अभी भी दालों में आत्मनिर्भर नहीं है, जबकि यह विश्व का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता देश है। इस कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में दलहन मिशन शुरू किया गया है। चौहान ने बताया कि 2030-31 तक दालों का क्षेत्रफल 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। वर्तमान में दाल उत्पादन 242 लाख टन है, जिसे बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह उत्पादकता को 881 किलो प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 1,030 किलो प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसके लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है। इसमें अनुसंधान और विकास (R&D) को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि ऐसी किस्में विकसित की जा सकें जो अधिक उत्पादक, रोग-प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल हों। किसानों को इन बीजों की 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों के रूप में आपूर्ति की जाएगी और 86 लाख मुफ्त मिनी किट्स भी वितरित की जाएंगी।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि दालों के दाम बढ़ाने के लिए 1,000 प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जिनके लिए सरकार 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और प्रगतिशील किसान मिलकर काम करेंगे। इसके साथ ही उत्पादकता बढ़ाने के लिए 100 जिलों का चयन किया गया है, जहां पीएम धन धान्य कृषि योजना के अंतर्गत सिंचाई, भंडारण, ऋण सुविधा और फसल विविधीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि नीति आयोग एक डैशबोर्ड बनाकर 11 विभागों की 36 योजनाओं की निगरानी करेगा। इन योजनाओं का औपचारिक शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को पूसा संस्थान में करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब तक 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 1,100 एफपीओ का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से अधिक है। कुल 52 लाख किसान एफपीओ के शेयरधारक हैं और इन संगठनों का कुल टर्नओवर 15,000 करोड़ रुपये से अधिक है। प्रधानमंत्री मोदी कार्यक्रम के दौरान ऐसे उत्कृष्ट एफपीओ को सम्मानित करेंगे।
शिवराज सिंह चौहान ने आगे बताया कि रासायनिक खादों से मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए अब तक 15 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए नामांकित किया गया है। इनमें से 6.20 लाख हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जाएगी और डेढ़ लाख किसानों को प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। कोविड काल में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के अंतर्गत अब तक 1 लाख 17 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं।