युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराना प्राथमिकता : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि पुलिस की छवि ऐसी होनी चाहिए, जिससे अपराधियों में कानून का भय और आम नागरिकों में सुरक्षा का अहसास उत्पन्न हो। मुख्यमंत्री साय आज मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में प्रदेश की कानून-व्यवस्था की समग्र स्थिति, मादक पदार्थ नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, साइबर अपराधों की रोकथाम और प्रशासनिक समन्वय को सुदृढ़ करने जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव विकास शील, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक दोनों की भूमिका समान रूप से महत्वपूर्ण है। जिन जिलों में दोनों के बीच समन्वय मजबूत है, वहां बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि कानून-व्यवस्था के मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई को प्रशासनिक उदासीनता माना जाएगा और ऐसे मामलों में कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़कों पर अव्यवस्था फैलाने, चाकूबाजी और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए। गौ-तस्करी और धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मामलों पर सघन निगरानी रखी जाए और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों ने अपराध नियंत्रण में उल्लेखनीय सुधार किया है, उनके अनुभवों को अन्य जिलों में मॉडल के रूप में लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री साय ने नशाखोरी और मादक पदार्थों की अवैध तस्करी पर सख्त रुख अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नशा अपराधों की जड़ है, और इसे समाप्त करना ही कानून-व्यवस्था सुधार की पहली शर्त है। मुख्यमंत्री साय ने एनकॉर्ड (NCORD) के तहत राज्यव्यापी अभियान चलाने, सीमावर्ती जिलों में तस्करी पर रोक लगाने और एनडीपीएस एक्ट के तहत समय-सीमा में कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।