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SAVE HASDEV:7 जून से हरे भरे पेड़ की बलि देना शुरू हो सकता है

 SAVE HASDEV :सरगुजा संभाग के हसदेव अरण्य क्षेत्र में वर्षा कोल ब्लॉक को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने अहम फैसला देते हुए यह माना है कि परसा कोल ब्लॉक के प्रस्ताव को पारित करने वाली ग्राम सभाएं विधि अनुरूप नहीं थी आयोग ने आगामी आदेश तक यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश सरगुजा कमिश्नर को दिए हैं, उल्लेखनीय है कि यह आदेश ऐसे समय आया है जबकि चर्चाएं थी कि लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद कभी भी पेस कोल ब्लॉक के लिए पेड़ कटाई शुरू हो सकती है

सरगुजा संभाग में सरगुजा सूरजपुर और कोरबा जिला सीमा पर घना जंगल है इसकी बायो डाइवर्सिटी बेहद समृद्ध है इसे हसदेव अरण्य कहा जाता है यहां परसा कोल ब्लॉक है इसके खनन का ठेका अडानी के पास है पेसा नियम के अनुरूप पांचवी अनुसूची क्षेत्र में किसी भी उत्खनन के लिए भूमि अधिग्रहण के पूर्व ग्राम सभा की सहमति आवश्यक है ग्रामीणों का आरोप है ग्राम सभा को लेकर ही कागज पर बड़ी गड़बड़ी हुई है

*ग्रामीणों ने पैदल सफर तय किया और राज्यपाल से मिले थे*

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ग्रामीणों का आरोप है कि प्रस्तावित परसा कोल ब्लॉक के लिए फर्जी प्रस्ताव ग्राम सभा में फर्जी तरीके से पारित बताया गया ग्रामीणों का आरोप है कि प्रस्तावित वर्षा कॉल ब्लॉक के लिए तीन गांव की भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही ग्राम सभा स्वीकृति लिए बिना ही संपादित कर दी गई फर्जी ग्राम सभा के मसले पर ग्रामीणों ने पैदल करीब साढे चार सौ किलोमीटर का सफर तय किया और तत्कालीन राज्यपाल दूसरे अनसूया अल्के से मुलाकात कर ज्ञापन सौंप तत्काल इन ग्राम सभाओं के प्रस्ताव रद्द करने की मांग रखी इस पर तत्कालीन राज्यसभा ने 23 अक्टूबर को राज्य सरकार को पत्र लिखकर ग्राम सभाओं को लेकर ग्रामीणों के आप की जांच कराए जाने के निर्देश दिए थे फर्स्ट देव बचाओ आंदोलन से जुड़ आलोक शुक्ला बताते हैं की राज्यपाल का यह आदेश राजभवन से मुख्य सचिव कार्यालय तक तो गया लेकिन आगे क्या हुआ यह जानकारी कभी सार्वजनिक नहीं हुई

*7 जून से हरे भरे पेड़  की बलि देना शुरू हो सकता है*

त्तीसगढ़ के बहुचर्चित हसदेव अरण्य के सरगुजा इलाके में पहले से चल रहे पीईकेबी खदान के दूसरे चरण के लिए हजारों पेड़ों की कटाई को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है, अगर सब कुछ ठीक रहा तो 7 जून से पेड़ों की कटाई की प्रक्रिया शुरू हो सकती है या फैसला ऐसे समय में लिया गया जब छत्तीसगढ़ के कई शहरों में तापमान 47 डिग्री को पार कर चुका है देश की राजधानी दिल्ली में मौसम का पर 52 डिग्री को पार कर चुका है भारत सरकार के उपक्रम भारतीय संस्थान ने पहले ही चेतावनी दी है कि हसदेव में एक भी नए खदान को मंजूरी दी गई तो मानव हाथी संघर्ष विकराल रूप ले सकता है जिस पर काबू पाना संभव होगा हसदेव अरण्य के सरगुजा इलाके में परसा ईस्ट केते बासन यानी की भी खदान को दो चरणों में मंजूरी दी गई थी, राजस्थान सरकार को आबंधित यह खदान राजस्थान सरकार ने अदानी समूह को एमडीओ के तहत दी है

इस खदान का पहला चरण 2028 में समाप्त हुई थी जबकि पहले चरण की 2022 में ही खनन कर पूरी कर दी गई

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