PM मोदी की सख्त चुप्पी से ही डोनाल्ड ट्रंप को मिला संदेश, कैसे खुद पड़े नरम; अब होगी बात

नई दिल्ली . भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को किसी भी मसले पर संभलकर रिएक्शन देने वाला और पूरी परिपक्वता के साथ समय का इंतजार करके ऐक्शन लेने वाला नेता माना जाता है। अमेरिका ने जब भारत पर 50 फीसदी एकतरफा टैरिफ लगाया तो पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से एक बयान तक नहीं आया। डोनाल्ड ट्रंप खुद ही भारत को लेकर कभी गरम तो कभी नरम रुख अपनाते रहे, लेकिन मोदी ने इन सबका एक ही जवाब दिया और वह था चुप्पी। उन्होंने एक लंबी चुप्पी ओढ़ ली और बीच में खबर यहां तक आई कि डोनाल्ड ट्रंप ने 4 बार कॉल किया, लेकिन उसे रिसीव ही नहीं किया। इस दौरान उन्होंने चुप रहकर ही अपनी कूटनीति से SCO में संदेश दिया।
चीन, रूस के नेताओं के साथ एक मंच पर वह दिखे। इसके चलते डोनाल्ड ट्रंप खुद अपने ही घर में घिरने लगे और अमेरिका को भारत पर टैरिफ लगाने का कोई फायदा नहीं दिखा। अंत में डोनाल्ड ट्रंप खुद ही नरम पड़ते दिख रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने खुद ही अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा कि वह भारत के साथ एक ट्रेड डील की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों की ओर से इसके लिए प्रयास जारी हैं। उनके इस पोस्ट पर नरेंद्र मोदी ने एक संक्षिप्त पोस्ट किया कि हम भी उम्मीद करते हैं कि दोनों देशों के बीच जल्दी ही एक डील होगी। फिर इस ट्वीट को ट्रंप ने अपने अकाउंट पर शेयर किया। इस तरह डोनाल्ड ट्रंप खुद ही सख्त हुए और खुद ही नरम होते दिख रहे हैं।
यदि पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बिना कोई रिएक्शन दिए ही डोनाल्ड ट्रंप नरम पड़ रहे हैं तो यह एक तरह की कूटनीतिक विजय की ओर बढ़ते कदम हैं। यही नहीं सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ही पीएम नरेंद्र मोदी को फोन कॉल भी आ सकता है। यदि दोनों नेताओं के बीच बात हुई तो 17 जून के बाद यह पहला मौका होगा। तब दोनों नेताओं के बीच करीब 35 मिनट चर्चा हुई थी। फिलहाल जिस तरह से दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं और ट्रंप ने तो शेयर तक किया है, उससे लग रहा है कि जल्दी ही दोनों की बात होगी।
इसी महीने के अंत में अमेरिका में ही संयुक्त राष्ट्र महासभा का सत्र होना है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी इसमें नहीं जा रहे। लेकिन अक्तूबर में मलयेशिया में दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है। 26 अक्तूबर को आसियान देशों की मीटिंग में डोनाल्ड ट्रंप पहुंच सकते हैं। इसी दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात की संभावना है। वहीं जी-20 समिट में ऐसी कोई मीटिंग नहीं हो पाएगी क्योंकि साउथ अफ्रीका में होने वाले इवेंट में ट्रंप के जाने की संभावना नहीं है। इसके अलावा भारत में होने वाली क्वाड समिट में भी ट्रंप के आने की संभावना नहीं है।