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भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार लोकसेवक के द्वारा अर्जित असमानुपातिक प्रकरण में सम्पत्तियों के कुर्की किये जाने के संबंध में छत्तीसगढ़ प्रदेश के राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा पहली कार्यवाही

ब्यूरो के अपराध क्रमांक-22/2024, धारा 13(1)बी, 13(2) पीसीएक्ट 1988 के प्रकरण में श्रीमती सौम्या चौरसिया के द्वारा बेनामी नामों से अर्जित की गई 16 अचल सम्पत्तियों को माननीय विशेष न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर छ.ग. के द्वारा अंतरिम कुर्की आदेश जारी किया गया है।
विदित हो कि श्रीमती सौम्या चौरसिया के विरूद्ध आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का प्रकरण दर्ज है, जिसमें श्रीमती सौम्या चौरसिया के द्वारा लगभग 45 अचल सम्पत्तियां कीमती लगभग 47 करोड़ रूपये को अपने करीबी रिश्तेदारों (सौरभ मोदी, अनुराग चौरसिया एवं अन्य) के नाम से खरीदे जाने के साक्ष्य पाये गये हैं। कोयला लेवी एवं अन्य भ्रष्ट स्त्रोत से खरीदे गये इन अचल सम्पत्तियों में से लगभग 39 करोड़ रूपये की 29 अचल सम्पत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा पूर्व में ही कुर्की की कार्यवाही की गई थी, शेष 16 अचल सम्पत्तियों को राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, रायपुर के द्वारा भ्रष्ट माध्यमों से अर्जित किये जाने के पुष्टिकृत साक्ष्य पाये जाने से दिनांक 16.06.2025 को माननीय विशेष न्यायालय में दण्ड विधि संशोधन अध्यादेश 1944 में लिखित प्रावधानों के तहत् कुर्की किये जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसकी सुनवाई करते हुये माननीय विशेष न्यायालय रायपुर द्वारा दिनांक 22.09.2025 को उक्त 16 अचल सम्पत्तियों, जिनका मूल्य लगभग 08 करोड़ रूपये है, को अंतरिम कुर्की किये जाने का आदेश पारित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि यह अंतरिम कुर्की की कार्यवाही राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर की पहली कार्यवाही है जो शासन के भ्रष्टाचार पर रोकथाम के प्रयासों के क्रियान्वयन में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। भविष्य में अन्य लोकसेवकों के विरूद्ध भी अनुपातहीन सम्पत्ति/भ्रष्टाचार के प्रकरणों में कुर्की की कार्यवाही की जावेगी।

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