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कोलकाता में मूसलाधार बारिश से जनजीवन ठप, करंट लगने से सात लोगों की मौत

कोलकाता. कोलकाता में रातभर मूसलाधार बारिश से मंगलवार को जलभराव हो गया जिससे जनजीवन लगभग ठप हो गया है। इस दौरान करंट लगने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गयी। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण कई इलाके जलमग्न हो गए, जिससे यातायात, सार्वजनिक परिवहन और ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारी बारिश को ‘‘अभूतपूर्व” बताया तथा फरक्का बैराज से गाद न निकालने और निजी बिजली कंपनी सीईएससी की चूक की आलोचना की। साथ ही उन्होंने लोगों से अपनी सुरक्षा के लिए घरों के अंदर रहने की अपील की। ममता ने एक बंगाली समाचार चैनल से कहा, ‘‘मैंने ऐसी बारिश पहले कभी नहीं देखी। मुझे उन लोगों के लिए बहुत दुख हो रहा है जिन्होंने बादल फटने के कारण अपनी जान गंवाई है।

मैंने सुना है कि खुले तारों से करंट लगने से सात-आठ लोगों की मौत हो गई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है… उनके परिवारों को सीईएससी द्वारा नौकरी दी जानी चाहिए। मैं यह स्पष्ट रूप से कह रही हूं। हम भी हरसंभव मदद करेंगे।” रात भर हुई भारी बारिश के कारण कोलकाता में ऐसे वक्त में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है जब शहर अपने सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा की तैयारी कर रहा है, जो इस सप्ताह के अंत में शुरू होगी। बिजली कंपनी को सीधे तौर पर दोषी ठहराते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बिजली की आपूर्ति सीईएससी द्वारा की जाती है, न कि हमारे द्वारा। यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि लोगों को इससे परेशानी न हो। वे यहां व्यापार करेंगे, लेकिन आधुनिकीकरण नहीं करेंगे? उन्हें लोगों को भेजकर इसे ठीक करना चाहिए।” मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यहां तक कि हमारे मकान भी जलमग्न हैं, हम सब परेशान हैं। मुझे पूजा पंडालों के लिए भी बहुत बुरा लग रहा है। स्कूलों को छुट्टियां घोषित करने के लिए कहा गया है और कार्यालय जाने वालों को आज और कल घर पर रहने की सलाह दी गई है।” ममता ने यह भी बताया कि वह महापौर, मुख्य सचिव और पुलिस के लगातार संपर्क में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘फरक्का की ठीक से सफाई नहीं हुई है, इसलिए हर बार जब बारिश होती है, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मुंबई, दिल्ली, हर जगह जलभराव हो जाता है। इस बार बारिश थोड़ी असामान्य है।” कोलकाता के महापौर और राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम ने बताया कि अब तक हमें शहर में अलग-अलग जगहों पर करंट लगने से चार लोगों की मौत की सूचना मिली है। लेकिन बाद में आधिकारिक तौर पर सात लोगों की मौत की पुष्टि की गयी। हाकिम ने बताया कि शहर के अधिकांश हिस्सों में जलभराव हो गया है और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की टीम पानी निकालने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि केएमसी अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन नहरें और नदियां पानी से लबालब भरी हैं और हर बार जब पानी निकाला जाता है, तो शहर के अंदर और पानी घुस रहा है। उन्होंने कहा, ‘रात लगभग 10 बजे तक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद की जा सकती है।”

मुख्य सड़कों पर वाहन फंसे रहे, यात्रियों को कई चौराहों पर कमर तक पानी से होकर गुजरना पड़ा तथा ब्लू लाइन के एक लंबे हिस्से पर मेट्रो सेवाएं स्थगित कर दी गईं। अधिकांश मुख्य सड़कों पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पार्क सर्कस, गरियाहाट, बेहाला और कॉलेज स्ट्रीट जैसे प्रमुख चौराहों पर घुटने से कमर तक पानी भरा है, जिससे वाहन घंटों तक फंसे रहे। ईएम बाईपास, एजेसी बोस रोड और सेंट्रल एवेन्यू पर लंबे समय तक यातायात जाम की सूचना मिली, जबकि दक्षिण और मध्य कोलकाता की कई छोटी-छोटी गलियों में कमर तक पानी भर गया, जिससे वहां आवाजाही बाधित हो गयी है। यात्रियों ने बसों के बीच रास्ते में खराब होने की शिकायत की, जबकि टैक्सियां और ऐप आधारित कैब या तो सड़कों से नदारद रहीं या फिर उन्होंने बहुत ज़्यादा किराया वसूला। भारी बारिश और सड़कों पर पानी भर जाने के कारण कई स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी है। कलकत्ता विश्वविद्यालय और जादवपुर विश्वविद्यालय ने भी दिन भर के लिए सभी शैक्षणिक गतिविधियां स्थगित कर दीं। पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को सरकारी शिक्षण संस्थानों में निर्धारित समय से दो दिन पहले ही दुर्गा पूजा की छुट्टियां घोषित कर दीं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा करंट से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जलभराव वाली सड़कों से दूर रहने की अपील और स्कूलों में छुट्टियां करने या ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के निर्देश के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने घोषणा की कि सभी सरकारी शिक्षण संस…

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