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कुकुरबेड़ा मामले मे एस.पी. रायपुर को पत्र- क्या छत्तीसगढ़ में पुलिस थाने बजरंग दल द्वारा संचालित हो रहे है

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक, ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर आज 349 वी. एवं रायपुर जिले में 168 वी. जनसुनवाई की गई।

आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण मे रायपुर के कुकुरबेडा, सरस्वती नगर क्षेत्र मे 11 महिलाओं के साथ हुई घटना के लिए आयोग में शिकायत दर्ज करायी गई थी। कुल 11 मामले प्रस्तुत किये गये। सभी आवेदिकागण आयोग मे उपस्थित हुए आवेदिकागणों ने आयोग की सुनवाई के दौरान बताया कि थाना सरस्वती नगर ने आवेदिकागणों को घटना स्थल से गाउ़ी मे लेजाकर पुलिस लाईन ग्राउंड मे घुमात रहे और आवेदिकागणों की एफ.आई.आर दर्ज नही किया। एफ.आई.आर 10 दिनों के बाद मामूली धाराओं मे दर्ज किया गया। इन सभी आवेदिकागणों के साथ छेड़छाड, गाली-गलौच करने, अश्लील हरकत कर थाना सरस्वती नगर पुलिस के सामने रेप की धमकी देने वाले बजरंग दल के अनावेदकगणों की रिपोर्ट पुलिसकर्मियों ने षड्यंत्रपूर्वक उसी दिन लिखा। इससे स्पष्ट है कि छ.ग. शासन पुलिस विभाग अब बजरंग दल द्वारा संचालित हो रहा है। इसलिए पुलिसकर्मी छ.ग. की बहन-बेटियों की अस्मिता से खिलवाड़ करने वाले असमाजिक तत्वों को संरक्षण देते प्रतीत हो रहे है। इन सभी तथ्यों की जांच हेतु आयोग ने एस.पी. रायपुर को पत्र प्रेषित कर जांच के निर्देश दिये गये।

एक प्रकरण में आवेदिका एक विधवा महिला है और सिंगापुर सोसायटी मे निवास करती है। अनावेदकगणों द्वारा आवेदिका से सोसायटी के मंदिर मे सार्वजनिक स्थल पर आने-जाने पर गाली-गलौच व अभद्र व्यवहार किया जाता है और आवेदिका के चरित्र पर लांछन लगाया जाता है। अनावेदक ने आवेदिका को अभद्र मैसेज भी किया है यह शब्द व वाक्य अपने आप मे गंभीर है। अनावेदक ने आयोग के समक्ष आवेदिका से माफी मांगा और भविष्य मे इस प्रकार की कोई भी टीका-टिप्पणी और गाली-गलौच किये जाने कहा। साथ ही यह भी कहा की आवेदिका से भविष्य मे कोई दुव्र्यवहार नहीं करेगा। आयोग ने कहा कि यदि भविष्य मे अनावेदकगण आवेदिका से गाली-गलौच या आपत्ति जनक टिप्पणी करते है तो इस साक्ष्य के आधार पर आवेदिका दोनो अनावेदक के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करा सकेगी। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।

एक अन्य प्रकरण मे उभय पक्ष पति-पत्नि है तथा उनके दो बच्चे है जो वर्तमान मे आवेदिका के साथ रहते है। अनावेदक(पति) अन्य महिलाओं के साथ अवैध रिश्ते मे है। और उभय पक्षों के बीच सुलह की कोई संभावना नहीं है। आयोग की समझाईश पर अनावेदक (पति) आवेदिका व बच्चों के भरण-पोषण हेतु खेती मे से 1 एकड़ जमीन आवेदिका व बच्चों के नाम मे नामांतरण करवायेगा, व फसल कटने के बाद उसकी आमदनी का 50 हजार रू. भी आवेदिका को देने के लिए अपनी सहमति जताई।

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