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फिसली चांदी, चेन्नई और हैदराबाद में 1 सप्ताह में 17 हजार रुपये तक की गिरावट

नई दिल्ली।

सर्राफा बाजार में मजबूती का लगातार नया रिकार्ड बनाने के बाद अब चांदी की कीमत में गिरावट का रुख बनता हुआ नजर आने लगा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान चांदी के भाव में औसतन 8,000 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। अगर चेन्नई और हैदराबाद की बात करें, तो यहां चांदी की कीमत 17 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक टूट चुकी है। 15 अक्टूबर को हैदराबाद और चेन्नई में चांदी की कीमत जोरदार छलांग लगा कर 2,07,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंच गई थी, जो अब घटकर 1,90,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गई है।दिल्ली में आज चांदी की कीमत 1,71,900 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंची हुई है। इसी तरह मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता,र जयपुर, सूरत और पुणे में भी चांदी 1,71,900 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। वहीं बेंगलुरु में चांदी 1,79,900 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रही है, जबकि चेन्नई और हैदराबाद में चांदी की की कीमत 1,89,900 रुपये के स्तर पर आ गई है।

बुलियन मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार जारी उतार-चढ़ाव, लंदन के इंटरनेशनल सिल्वर मार्केट में चांदी की सप्लाई में आई कमी और इंडस्ट्रियल डिमांड में तेजी आने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत 60 डॉलर प्रति औंस के स्तर के करीब पहुंच गई थी। वहीं घरेलू सर्राफा बाजार में त्योहारी सीजन की डिमांड में आई जोरदार तेजी से भी चांदी की कीमत को काफी सपोर्ट मिला। इसके साथ ही गोल्ड की कीमत में आई जोरदार तेजी की वजह से भी छोटे निवेशकों ने इस साल सोने की जगह चांदी में तुलनात्मक तौर पर अधिक निवेश किया। सिर्फ चांदी के सिक्कों की ही बात की जाए तो सालाना आधार पर चांदी के सिक्के की बिक्री में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इस तरह चांदी की कीमत लगातार तेज होती चली गई।

मयंक मोहन के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार और घरेलू सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत में आई जोरदार तेजी की वजह से पिछले सप्ताह जमकर मुनाफा वसूली भी हुई। इसके साथ ही लंदन के इंटरनेशनल सिल्वर मार्केट में पिछले दो सप्ताह से जारी चांदी की सप्लाई में आई कमी भी अब काफी हद तक नियंत्रित हो चुकी है। मुनाफा वसूली और सप्लाई की स्थिति नियंत्रित होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत में इस सप्ताह करीब 6 प्रतिशत की गिरावट आ गई, जो पिछले 6 महीने में इसकी सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट मानी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत में आई बड़ी गिरावट और घरेलू सर्राफा बाजार में त्योहारी सीजन के लिए होने वाली खरीदारी लगभग पूरी हो जाने की वजह से स्थानीय बाजारों में चांदी की कीमत में ठीक-ठाक गिरावट दर्ज की गई है।

इसी तरह टीवीएन फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ तारकेश्वर नाथ वैष्णव का कहना है की चांदी की कीमत में पहले आई जोरदार तेजी और अब इसकी कीमत में आई जबरदस्त गिरावट की सबसे बड़ी वजह लंदन के इंटरनेशनल सिल्वर मार्केट में हुआ जोरदार उतार चढ़ाव रहा है। सप्लाई की कमी हो जाने के कारण 9 अक्टूबर को लंदन के इंटरनेशनल सिल्वर मार्केट में संकट की स्थिति बन गई थी। यहां अचानक चांदी की उपलब्धता का संकट बन गया था। चांदी के खरीदारों की संख्या और डिमांड क्वांटिटी की तुलना में विक्रेताओं की संख्या और सप्लाई क्वांटिटी काफी कम हो गई थी, जिसकी वजह से इंटरनेशनल सिल्वर मार्केट में घबराहट की स्थिति बन गई थी। ऐसा होने पर एक ओर तो अचानक चांदी पर बेतहाशा बोली लगने लगी, तो दूसरी ओर बेचने वाले सप्लायर पीछे हट गए। इसकी वजह से इंटरनेशनल सिल्वर मार्केट में ट्रेडिंग लगभग ठप हो गई और चांदी की कीमत ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गई। संकट के इस दौर में दुनिया भर में चांदी ने जोरदार छलांग लगाई, लेकिन अब संकट का वो दौर खत्म होने लगा है। इंटरनेशनल सिल्वर मार्केट में चांदी की सप्लाई की स्थिति ठीक होने लगी है, जिससे इस चमकीली धातु की कीमत में भी गिरावट आने लगा है। इस गिरावट का प्रत्यक्ष असर भारत में सर्राफा बाजारों में भी नजर आ रहा है, जहां चांदी की कीमत एक सप्ताह में ही 8,000 रुपये से लेकर 17,000 रुपये प्रति किलो ग्राम तक कम हो गई है।

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