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कैबिनेट ने असम में 6,957 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना को दी मंजूरी

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने आज बुधवार को असम में राष्ट्रीय राजमार्ग-715 (NH-715) के कालीबर-नुमालीगढ़ खंड को चार लेन में अपग्रेड और चौड़ा करने की मंजूरी दी। इस परियोजना पर कुल 6,957 करोड़ रुपये की पूंजीगत लागत आएगी और इसे इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) मोड पर लागू किया जाएगा। परियोजना की कुल लंबाई 85.675 किमी होगी और इसमें विशेष रूप से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (KNP) क्षेत्र के लिए वन्यजीव अनुकूल उपाय शामिल होंगे।

वर्तमान में यह दो लेन का राजमार्ग नगांव जिले के जाखलाबंधा और गोलाघाट जिले के बोकाखाट जैसे घनी आबादी वाले कस्बों से गुजरता है और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की दक्षिणी सीमा के साथ चलता है। इस मार्ग पर भारी ट्रैफिक और मौसमी बाढ़ के कारण वन्यजीव अक्सर सड़क पार कर कार्बी आंगलोंग की पहाड़ियों की ओर जाते हैं, जिससे कई बार जानलेवा हादसे होते हैं।इन खतरों को कम करने के लिए परियोजना के तहत 34.5 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर, 30.22 किमी सड़क चौड़ीकरण, और 21 किमी लंबे नए बाईपास (जाखलाबंधा और बोकाखाट कस्बों के चारों ओर) बनाए जाएंगे। इससे न केवल जाम कम होगा बल्कि वन्यजीवों की आवाजाही सुरक्षित होगी और गुवाहाटी, काज़ीरंगा और नुमालीगढ़ के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी मिलेगी।

यह उन्नत राजमार्ग NH-127, NH-129 और SH-35 के साथ भी बेहतर तरीके से जुड़ेगा और तीन हवाईअड्डों (तेजपुर, लीलाबाड़ी और जोरहाट) तथा तीन रेलवे स्टेशनों (नगांव, जाखलाबंधा और विश्वनाथ चारिआली) तक पहुंच को आसान बनाएगा। इसके साथ ही यह तेजपुर और नगांव के फिशिंग क्लस्टर, कार्बी आंगलोंग और वोक्हा के सामाजिक केंद्रों तथा प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों जैसे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, काकोजांग जलप्रपात, बाबा थान मंदिर और महामृत्युंजय मंदिर तक आवागमन को और सुगम बनाएगा।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस परियोजना से लगभग 15.42 लाख व्यक्ति-दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 19.19 लाख व्यक्ति-दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके पूरा होने पर यह राजमार्ग असम में व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को नई गति देगा और साथ ही पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढांचा तैयार करेगा। कालीबर-नुमालीगढ़ खंड को आधुनिक स्वरूप में विकसित करना असम की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक समृद्धि के लिए एक परिवर्तनकारी कदम माना जा रहा है।-

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