डॉ. वर्णिका शर्मा ने खेल मैदानों और स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली पर लिया स्वतः संज्ञान

बच्चों के सुरक्षित भविष्य और स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने एक कड़ा और सक्रिय रुख अपनाया है। बच्चों को खेल मैदान उपलब्ध कराने और उनकी बदहाली को दूर करने के लिए डॉ. शर्मा स्वयं मैदानी इलाकों तक पहुँचीं और उन्होंने खेल मैदानों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्याप्त गंभीर कमियों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले दर्ज किए।
पिछले दिनों आयोग ने प्रदेश के सभी जिलों को सुरक्षित खेल मैदान उपलब्ध कराने और उन पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए अनुशंसा की थी। इसी कार्रवाई को गति देने के उद्देश्य से डॉ. वर्णिका शर्मा ने जिला सक्ती का दौरा किया और चंद्रपुर के स्थानीय खेल मैदान की स्थिति का मुआयना किया।
खेल मैदान की दुर्दशा और नशे का अड्डा
निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष ने पाया कि चंद्रपुर का खेल मैदान न केवल अंधेरे और असमतल है, बल्कि उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि इस मैदान का उपयोग अंधेरे में नशे के लिए किया जाता है। इसके अलावा, यहाँ वाहनों की पार्किंग और गंदगी भी व्याप्त है, जो बच्चों के खेलने के लिए एक असुरक्षित माहौल बनाता है। डॉ. शर्मा ने मौके पर मौजूद राजस्व विभाग के अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करते हुए मैदान को शीघ्र समतल और सुविधायुक्त बनाकर बच्चों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। आयोग ने इस विषय पर भी प्रकरण दर्ज कर अनुश्रवण शुरू कर दिया है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही की पराकाष्ठा
इसी भ्रमण के दौरान, डॉ. शर्मा ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) चंद्रपुर का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए बनी व्यवस्थाओं में गंभीर कमियाँ पाईं। पीएचसी में स्वच्छ पेयजल की अनुपलब्धता, खराब साफ-सफाई, शौचालयों में गंदगी, स्टाफ की कमी और कचरा प्रबंधन में लापरवाही जैसी खामियाँ सामने आईं।
सबसे चिंताजनक स्थिति प्रसूति कक्ष की थी, जहाँ गीले गद्दे और गंदी चादरें पाई गईं, जो नवजात शिशुओं और माताओं के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। इन सभी अव्यवस्थाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए, डॉ. वर्णिका शर्मा ने स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रकरण क्रमांक 1388 एवं 1389/2025 दर्ज कर लिया है।
अतिक्रमण पर भी आयोग की नज़र
उल्लेखनीय है कि आयोग बच्चों के अधिकारों के प्रति लगातार सजग है। इसी क्रम में, ग्राम-अमरपुर, जिला – गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में भी बच्चों के खेल मैदान पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी, जिस पर आयोग ने प्रकरण क्रमांक 1370/2025 दर्ज कर तत्काल कार्रवाई और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए संबंधित अधिकारियों को लिखा है।
आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “बच्चों के स्वस्थ व शारीरिक विकास की दृष्टि से खुले खेल के मैदान उनका अधिकार हैं और इन्हें बच्चों को दिलवाने हेतु हर संभव व कठोर प्रयास किया जाएगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि खुले खेल के मैदान बच्चों का मोबाइल से मोह भंग करने और उन्हें मोबाइल के नशे से मुक्ति दिलाने का एक कारगर उपाय हैं।