CG DURG: शासकीय शराब दुकानों के कर्मचारियों से अवैध वसूली,वेतन में कैसे डाला डाका आबकारी विभाग मौन ?

Liquor Store: दुर्ग जिले के सरकारी शराब की दुकानों पर अवैध रूप से वसूली का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। सरकारी शराब दुकानों में ये वसूली कर्मचारियों से की जा रही है। प्लेसमेंट कम्पनी के लोकेशन इंचार्ज अरुण सिंह पर आरोप है कि इनके द्वारा कर्मचारियों से उनकी मेहनत की कमाई में हिस्सा मांगा जा रहा है। जो कर्मचारी अपने वेतन में हिस्सा देने से इंकार कर देता है, उसे लोकेशन इंचार्ज की नाराजगी झेलनी पड़ती है। जिन कर्मचारियों ने हिस्सा देने से मना कर दिया उन्हें उस दुकान से हटाकर या तो 40 से 50 किलोमीटर किसी दूसरे दुकान में भेज दिया जाता है, या उसके खिलाफ झूठे मामले बनाकर नौकरी से निकाल दिया जाता है।
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सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों के खाते में वेतन आते ही दुकान के किसी कर्मचारियों से दो-दो किसी कर्मचारियों से एक एक हजार रुपए वसूला जाता है। जिले में लगभाग 350 कर्मचारी कार्यरत हैं, इन कर्मचारियों से लगभग 7 लाख रुपये प्रति माह वसूला जाता है, जिसे विभाग में ऊपर से लेकर नीचे तक सबका हिस्सा पहुंचाया जाता है। यही वजह है कि कर्मचारियों के बार-बार शिकायत करने के बावजूद कर्मचारियों को इंसाफ दिलाना छोड़कर आबकारी विभाग के अधिकारी अरुण सिंह के पक्ष में खड़े नजर आते हैं।
ग्रामीण इलाके की दुकानों से फल-फूल रहे कोचिया
दुर्ग जिले के पाटन, अहिवारा, धमधा, नन्नीखुन्नी, अंजोरा, मरोदा, कुम्हारी, दादर, उतई जैसे ग्रामीण इलाकों में बहुत सारी शराब दुकानो में लोकेशन इंचार्ज अरुण सिंह के द्वारा कोचियों को शराब देने के लिए शासकीय शराब दुकान के सुपरवाइजर्स पर दबाव डाला जाता है, जो सुपरवाइजर ऐसा करने से इंकार करता है, उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है। विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर अवैध वसूली का काम धड़ल्ले से चल रहा है। प्रति पेटी 200 रुपये के हिसाब से कोचियों से वसूली की जाती है, जिसका पूरा कलेक्शन अरुण सिंह द्वारा किया जाता है, सूत्रों की माने तो कोचियों को शराब दिलाकर प्रति माह लगभग 20 लाख रुपये अरुण सिंह द्वारा वसूला जाता है।

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अवैध वसूली के कारण कवर्धा जिले में हो चुकी है कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके पहले अरुण सिंह कवर्धा जिले में बतौर लोकेशन इंचार्ज काम कर रहा था, वहां भी अरुण सिंह के द्वारा कर्मचारियों से वेतन में हिस्सा मांगा जा रहा था। इस मामले में शिकायत होने के बाद डिप्टी सीएम विजय शर्मा के द्वारा तत्काल हटाने का निर्देश दिया गया था। हैरानी की बात है कि कवर्धा में अवैध वसूली के कारण निष्काषित करने के बावजूद गृह मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा के निर्देश को धत्ता बताते हुए दागी अरुण सिंह को दुर्ग जिले में लोकेशन इंचार्ज बना दिया गया। बीआईएस प्लेसमेंट कंपनी द्वारा अरुण सिंह को नियुक्त किया गया ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्लेसमेंट कंपनी और अधिकारी मिलीभगत कर कमीशनबाजी और कोचियागिरी को बढ़ावा देने का खेल कर रहे हैं।
प्रदेश में पिछली सरकार द्वारा किये गए शराब घोटाले को लेकर सियासत गर्म है। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से शराब घोटाले मामले में ईडी द्वारा पूछताछ जारी है। जल्द ही इस घोटाले की जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में दुर्ग जिले में चल रहे घपलेबाजी पर भी ईडी जल्द कार्रवाई कर सकती है। इस मामले में कर्मचारियों और लोकेशन इंचार्ज की कॉल रिकॉर्डिंग और स्टिंग का वीडियो के साथ जल्द प्रकाशन में लाया जाएगा।