SAVE HASDEV: अडानी के मनमानी से 10 लाख पेड़ो की चढ़ेगी बली आदिवासियो ने अडानी के खिलाफ खोला मोर्चा, मुख्यमंत्री ने दिया था बड़ा बयान….

SAVE HASDEV:अडानी के मनमानी से 10 लाख पेड़ी की चढ़ेगी बली आदिवासियो ने अडानी के खिलाफ खोला मोर्चा, मुख्यमंत्री ने दिया था बड़ा बयान,छत्तीसगढ़ के फेफड़े कहे जाने वाले ये जंगल जैव विविधता से समृद्ध है और छत्तीसगढ़ की जीवन दायनी नदी हसदेव और मिनिमाता बाँगो बांध के केचमेंट हैं जिससे 4 लाख हेक्टेयर ज़मीन सिंचित होती है ।
भारतीय वन्य जीव संस्थान ने संपूर्ण हसदेव अरण्य में खनन पर प्रतिबंध लगाने की सिफ़ारिश करते हुए कहा है कि यदि खनन की अनुमति दी गई तो मानव हाथी संघर्ष की स्थिति छत्तीसगढ़ में बहुत विकराल हो जाएगी।
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छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी 26 जुलाई 2022 को सर्व सम्मति से हसदेव के सभी कोल ब्लॉक निरस्त करने के लिए प्रस्ताव किया है ।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट दिये एफ़िडेविट में स्वीकार्य किया है कि हसदेव में खनन राज्य के हित में नहीं है लेकिन अदानी कंपनी के मुनाफ़े के लिए लगातार जंगल का विनाश किया जा रहा है ।
कल परसा ईस्ट केते बासेंन खदान के दूसरे चरण के लिए पेड़ो की कटाई शुरू हो रही है। पिछले दिनों गांव को छावनी बनाकर कोरे कागज पर बिना प्रस्ताव लिखे घटबर्रा ग्रामसभा में हस्ताक्षर करवाए गए थे।
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कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री ने कहा था की कुछ गलतफहमी हुई है हमने कोई सहमति नही दी है । फिर ये कटाई का आदेश कहां से जारी हुआ है???
हसदेव का जंगल सिर्फ़ वहाँ के आदिवासियों के लिए नहीं बल्कि हम सभी के जीवन के लिए अनिवार्य हैं । इन समृद्ध प्राकृतिक जंगल और पर्यावरण को बचाने के लिए पर्यावरण संघर्ष समिति के अध्यक्ष पर्यावरण प्रेमी आलोक शुक्ला सहित आदिवासियो ने विरोध जताते हुए हसदेव अरण्य में पेड़ो की कटाई का जमकर विरोध करने अंबेडकर चौक रायपुर में एकत्रित होकर विरोध जताएंगे