धमतरी जिले में पात्र छात्राओं को मिल रही शासन की साइकिल योजना का लाभ

नगरी विकासखंड में 2,184 और मगरलोड में 218 छात्राओं को वितरित हुई साइकिलें
धमतरी । राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत पात्र छात्राओं को सरस्वती साइकिल योजना के तहत पात्र छात्राओं को निःशुल्क साइकिल वितरण का कार्य जिले में निरंतर गति पकड़ रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी देवेश सूर्यवंशी ने बताया कि इस योजना के तहत पौने दो साल में 3,638 पात्र छात्राओं को साइकिल वितरण किया जाना है। उन्होंने बताया कि निर्माता कंपनी द्वारा साइकिलों का असेंबल कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है, ताकि छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण साइकिल उपलब्ध हो सके।
नगरी विकासखंड में अब तक 2,184 साइकिलों का वितरण किया जा चुका है, वहीं मगरलोड विकासखंड में 218 साइकिलों का वितरण किया गया है। इसके अतिरिक्त कुरुद एवं धमतरी विकासखंड में साइकिलों का असेंबल कार्य जारी है और परीक्षण उपरांत छात्राओं को शीघ्र ही वितरण किया जाएगा। प्रत्येक साइकिल वितरण से पहले ब्लॉक स्तरीय परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जा रहा है, ताकि गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन सुनिश्चित हो।
कलेक्टर अभिनाश मिश्रा ने कहा कि शासन की इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की छात्राओं को शिक्षा तक सरल पहुंच उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि साइकिल मिलने से छात्राओं का विद्यालय तक आने-जाने का समय और परिश्रम दोनों की बचत होगी तथा उनकी शिक्षा में निरंतरता बनी रहेगी। कलेक्टर ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि निर्धारित समयसीमा में सभी पात्र छात्राओं को साइकिल उपलब्ध कराई जाए।
शासकीय विद्यालयों एवं अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 9 वीं की अनुसूचित जाति / जनजाति एवं गरीबी रेखा के नीचे (बी.पी.एल.) की छात्राओं को शाला तक आवागमन की सुविधा प्रदान करना एवं बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष जिले के सभी विकासखंडों में पात्र छात्राओं को चरणबद्ध तरीके से साइकिल वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई जा रही साइकिलों का परीक्षण कर ही छात्राओं को वितरण किया जा रहा है, जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित साइकिल प्राप्त हो सके।इस प्रकार शासन की योजना के तहत साइकिल वितरण से छात्राओं की शिक्षा को नई दिशा और प्रोत्साहन मिल रहा है।