Liquor News:कंपनियों के खिलाफ जांच जारी फिर भी काम जारी सवाल करने वाले कोई नही?

Liquor News:रायगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले का मुद्दा जोर से गरमाया था। पहले ईडी और बाद में ईओडब्ल्यू-एसीबी ने एफआईआर दर्ज की। इसमें जिन दो कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, अब भी उन्हीं के हाथों शराब दुकानों की कमान है। कुछ भी नहीं बदला है। प्रदेश में भाजपा सरकार को आए तकरीबन छह महीने हो चुके हैं। इस दौरान शराब घोटाले को लेकर ईडी और एसीबी अपनी कार्रवाई कर रहे हैं। लेकिन आबकारी विभाग पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू एसीबी ने 17 जनवरी 2024 को एफआईआर दर्ज की थी,इसमें करीब 58 अधिकारियों, कारोबारियों व अन्य व्यक्तियों पर नामजद एफआईआर दर्ज की गई है।
आबकारी विभाग चल रहा है पुराने ढर्रे पर सवाल करने वाले कोई नही
13 फर्मों के भी नाम इसमें शामिल हैं। इसमें रायगढ़ के वर्तमान सहायक आयुक्त आबकारी रामकृष्ण मिश्रा का भी नाम है। इसके अलावा प्राइमवन वर्कफोर्स कंपनी और बच्चा राज लोहिया ईगल हंटर कंपनी को भी आरोपी बनाया गया है। नकली होलोग्राम वाले बॉटल से होने वाली अवैध आय इन्हीं दोनों कंपनियों के जरिए मिलती थी। हैरानी की बात है कि सरकार बदलने के बाद भी यही कंपनी काम कर रही है,रायगढ़ जिले में ईगल हंटर कंपनी ही काम कर रही है। मतलब जिस शराब घोटाले को भाजपा ने चुनावी मुद्दा बनाया था, सरकार आने के बाद उसके आरोपी कंपनी को ही काम करने दिया जाता रहा। एक तरह से ईगल हंटर कंपनी को संरक्षण दिया जा रहा है जबकि इस दौरान कार्रवाई की जा सकती थी। रायगढ़ जिले की सभी शराब दुकानों में इसी कंपनी के कर्मचारी हैं, जो पहले भी थे,
कंपनियों के खिलाफ जांच जारी है फिर भी काम जारी है
एक तरफ एसीबी लगातार कार्रवाई कर रही है। दूसरी ओर उन्हीं कंपनियों को संरक्षण देकर काम लिया जा रहा है। शराब घोटाले में इन कंपनियों के जिला प्रबंधकों और सुपरवाइजरों की भूमिका संदिग्ध है। सवाल यह है कि जो कंपनी खुद आरोपी है, उसको एफआईआर के बाद भी इंगेज करके क्यों रखा गया है?